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फॉरनर्स बेशक अनटचेबिलिटी के बारे में जानते है लेकिन उन्हें जरा भी अंदाजा नहीं होगा कि असल में ये किस हद तक अमानवीय है . उनके लिए तो ये सोचना भी बड़ा अजीब है कि क्यों कुछ मुट्ठी भर लोग गांव से बाहर अलग – थलग रहने को मजबूर है। वो भी ऐसे गाँव के बाहर जहाँ हिन्दू लोग मेजोरिटी में रहते है . ये अछूत कहे जाने वाले लोग हर रोज़ गाँव की गलियों से गुजरते हुए गंदगी और कचरा सर पे ढोके लेकर जाते है .
हिन्दुओं के दरवाजे पर जाकर उनकी झूठन खाते है हिन्दू बनिया की दूकान से तेल – मसाले खरीदते है तो वो उन्हें छुए बिना सामान देता है। पूरे गांव को अपना ही घर समझते है फिर भी गांव की किसी चीज़ को छूने का उन्हें हक नहीं है . लोग इनकी परछाई से भी बचकर निकलते है . अगर ये किसी को गलती से भी छू ले तो वो आदमी इन्हें दस गालियाँ देकर तुरंत नहाने चला जाता है। प्रोब्लम ये है कि हिन्दू अछूतों

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